अंश गुप्ता की रिपोर्ट
फोटो साभार-राजीव फोटो स्टूडियो निकट राजमहल गार्डन बदायूँ
एक देश एक कानून बनाने को मजबूर कर देगा व्यापारी,दोहरी कर प्रणाली दोहरे कानून खुदरा व्यापारियों के मल्टीनेशनल कंपनियों की साजिश यह बात उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल न कही, बदायूँ में आयोजित व्यापारी समागम व व्यापारी सम्मान कार्यक्रम व अपने व्यापार मंडल की टीम गठन हेतू बदायूँ पहुंचे अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश आजादी से आज तक किसी भी सरकार ने कर प्रणाली को सिर्फ जटिल और कठिन ही बनाती है आजतक किसी भी सरकार ने टैक्स कानूनों को आसान व सरलीकरण करने का काम नहीं किया है, व्यापारियों पर आज की तारीख में 28 तरीके के टैक्स 28 तरीके के लाइसेंस 28 तरीके के रजिस्ट्रेशन अलग-अलग व्यापारियों पर लागू हैं। आज व्यापारी से फूड लाइसेंस बनवाने के लिए जो जरूरी दस्तावेज मांगे जाते हैं अगर उसको देश का प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी ईमानदारी से फ़ूड लाइसेंस लेने का खुद प्रयास करें तो वह भी पूरा नहीं कर सकते, उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि देश हित में भारत के खुदरा व्यापारियों व मल्टीनेशनल कम्पनियों के लिए एक देश एक कानून बनाए,

उन्होंने सरकार से लाइसेंस प्रणाली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अपील की जिससे व्यापारी भी निशचिंत होकर व्यापार करेग,उन्होंने फूड एक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि देश मे केवल खुदरा व्यापारी का ही सैंपल भरा जाता है मल्टीनेशनल कंपनी का क्यों नहीं,सीलबन्द आइटम और पैकिंग के आइटम का सैंपल भरे जाने पर व्यापारी मुलजिम क्यों वो उसमें कैसे मिलावट कर सकता है वह सिर्फ 50 पैसे 1 रु के लिए के काम करता है उन्होंने मैगी का उदाहरण देते हुए कहा कुछ साल पहले देश मे मैगी के सैंपल भरे गए हैं थे उसमें आज तक देश के लगभग 6000 छोटे व्यापारी अदालतों के चक्कर काट रहे हैं इस पैकिंग के आइटम मे छोटे व्यापारी का क्या दोष है 10रु की मैगी में 50 पैसे 1
उन्होंने सरकार से लाइसेंस प्रणाली को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अपील की जिससे व्यापारी भी निशचिंत होकर व्यापार करेग,उन्होंने फूड एक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि देश मे केवल खुदरा व्यापारी का ही सैंपल भरा जाता है मल्टीनेशनल कंपनी का क्यों नहीं,सीलबन्द आइटम और पैकिंग के आइटम का सैंपल भरे जाने पर व्यापारी मुलजिम क्यों वो उसमें कैसे मिलावट कर सकता है वह सिर्फ 50 पैसे 1 रु के लिए के काम करता है उन्होंने मैगी का उदाहरण देते हुए कहा कुछ साल पहले देश मे मैगी के सैंपल भरे गए हैं थे उसमें आज तक देश के लगभग 6000 छोटे व्यापारी अदालतों के चक्कर काट रहे हैं इस पैकिंग के आइटम मे छोटे व्यापारी का क्या दोष है 10 रु की मैगी में 50 पैसे 1 रु के लिए काम करने वाला व्यापारी दोषी बने घूम रहे हैं वहीं मैगी बनाने वाली, करोडों अरबों का व्यापार करने वाली मल्टीनेशनल कंपनी इन कानूनों से मुक्त है तो फिर देश के प्रधानमंत्री किस बात की ढपली पीटते हैं कि एक देश एक कानून, खुदरा व्यापारियों के लिए जो सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं उनके लिए कानून अलग, पैकिंग वाले जितने भी सामान है उसमें बेचने वाले व्यापारियों को गवाह बनाया जाना चाहिए न की मुल्जिम।इन्हीं दोहरे कानून का लाभ लेते हुए मल्टीनेशनल कंपनियां राजनेताओं से सेटिंग करके देश में सभी व्यापार को बर्बाद करने पर तुली है क्या इस तरह के कानून देश के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को नहीं दिखते।
कभी व्यापारियों के लिये भी मन की बात करलें प्रधानमंत्री। मल्टीनेशनल कंपनियों पर साप्ताहिक बन्दी लागू नहीं होती उन्हें 7 दिन खुलने की छूट है वहीं देश के छोटे व्यापारियों साप्ताहिक बंदी लागू होती है बंदी दिवस में व्यापार करता है तो उसे सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है फिर प्रधानमंत्री कैसे कह सकते हैं कि एक देश एक कानून।व्यापारी जीएसटी GST के अंतर्गत एक लाख करोड़ से ऊपर टैक्स के रूप में देता है जिससे पूरे देश का विकास होता है लेकिन सरकार जीएसटी में 2017 से 2020 तक कितनी बार संशोधन कर चुकी है अभी फिर से 86 आ गया है पुराना जब तक वकीलों और अकाउंटेंट के समझ में आता है तब तक नया संशोधन आ जाता है जिससे व्यापारियों का अतिरिक्त समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है। जब GST में सरकार हर महीने टैक्स लेती है फिर रिटर्न 3 महीने के बाद कियू। सरकार में अफसरशाही हावी है जो नए कानून बना बना कर बिना व्यापारियों से चर्चा के पास करा रही है की जिससे सरकार को बार-बार संशोधन करना पड़ रहा है सरकार एक बार सही से व्यापारियों के साथ बैठक कर सभी कानूनों पर चर्चा कर ली जाए तो मैं उम्मीद करता हूं कि दोबारा से किसी भी कानून में संशोधन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को चेताया कि दोहरी कर प्रणाली दोहरे कानून बनाकर खुदरा व्यापारियों के व्यापार छीनकर मल्टीनेशनल कंपनियों का शॉपिंग मॉल को देने की साजिश की जा रही है यह साजिश व्यापार मंडल कभी कामयाब नहीं होने देगा इस साजिश को नाकाम करने के लिए व्यापार मंडल सरकार के खिलाफ आवाज भी बुलंद करता रहेगा। व्यापारी सरकार के किसी कानून व लाठी-डंडों से नहीं डरता हमारा तो नारा है -हर जोर जुल्म की टक्कर पर संघर्ष हमारा नारा है सरकार ने अपने दोहरे कानूनों में संशोधन नहीं किया तो शीघ्र ही पूरे प्रदेश का व्यापारी सड़कों पर उतरकर सरकार को एक देश एक कानून बनाने को मजबूर कर देगा।
उन्होंने कहा आज से 72 साल पहले हुए फूड एक्ट के मानक जब देश में खेतों में यूरिया भी नहीं पड़ता था भूगर्भ के पानी में भी रसायन नहीं होता था कीटनाशक रसायनों का फसलों में इस्तेमाल नहीं होता था आज नदियों के जल में भूगर्भ के जल में दुनिया भर के रसायन पाए जाते हैं जो पानी सीधे पीने योग्य नहीं माना जाता उससे हमारी खेती होती है जब उसी फसल से कोई भी व्यापारी कोई पकवान बनाएगा या उत्पाद बनाता है तो निश्चित ही उसमें रसायन पाए जाएंगे मेरे आटे के व्यापारी का सैंपल यूरिया में फेल हो जाता है, सरसों के तेल के व्यापारी का आर्जीमोन में सैंपल फेल किया जाता है जबकि आर्जीमोन का असली तेल 1,00,000 रु किलो में भी बाजार में नहीं मिलेगा कल्पना में कानून बने हुए हैं कल्पना में आर्जीमोन और मिलावट के नाम पर व्यापारी दोषी को व्यापारी आजीवन कारावास की सजा ऐसे तमाम कानून को भ्रष्ट अधिकारी व्यापारियों को कानून का भय दिखाकर उनका शोषण करते हैं जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता उनका आर्थिक दोहन किया जाता है इन सभी को रोकने के लिए व्यापार संगठन बनाये गए हैं, अब हम अपने सभी व्यापारियों को जागरूक भी करेंगे और उसको सभी कानूनों की जानकारी भी देंगे।इसके लिये हर जिले पर व्यापारी सहायता केंद्र खोले जाएंगे जहाँ से उसको डिजिटल बिजनेस व ऑन लाइन कार्य करने में उसको सहायता की जाएगी व उसको लाइसेंस एप्लाई,रजिस्ट्रेशन, gst व इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस दौरान नवगठित जिला व नगर कार्यकारिणी की ओर से महेंद्र पाल सिंह,अरविंद गुप्ता,प्रदीप कुमार शर्मा, सुनील गुप्ता,नवनीत गुप्ता सोन्टू,संजीव आहूजा,राजेश गुप्ता भल्लू,सचिन सूर्यबंशी,उज्ज्वल गुप्ता,मोनू वर्मा,नरेश शंखधार,सुनील भदौरिया, अमित वैश्य,मौजूद रहे।