बिहार संवाददाता अंश गुप्ता की रिपोर्ट
950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी।वह 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन चरणों में होने वाले बिहार चुनावों से सीधे तौर पर जुड़े नहीं होंगे। लालू प्रसाद यादव को चुनाव लड़ने और संसद से अयोग्य घोषित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वर्ष 1992-93 के दौरान चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये निकालने का मामला तब सामने आया, जब राजद नेता बिहार के मुख्यमंत्री थे।
लालू प्रसाद यादव जमानत दिए जाने के बावजूद स्वतंत्र नहीं होंगे क्योंकि उन्हें दुमका कोषागार गबन मामले में 14 साल की सजा सुनाई गई है। दुमका मामला वर्ष 1991 से 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है जब यादव अविभाजित बिहार के सीएम थे।
राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री को चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में दोषी ठहराया गया है।
लालू प्रसाद यादव झारखंड के प्रमुख राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिमस) में उपचाराधीन हैं क्योंकि वह ‘टाइप 2’ मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। वह क्रॉनिक किडनी के मरीज हैं।
लालू प्रसाद यादव को सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में छह मामलों में दोषी ठहराया गया है और इन मामलों में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। वह 2017 से जेल में हैं। लालू प्रसाद यादव को तीन चारा घोटाला मामलों में 3.5 साल, 5 साल और 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
लालू प्रसाद यादव लगातार जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें दिसंबर 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा देवघर कोषागार मामले में जमानत दी गई थी, जिसमें उन्होंने उन्हें दी गई 3.5 साल की कैद की आधी सजा काट दी थी।