पहलगाम (जम्मू-कश्मीर), स्वदेश केसरी ब्यूरो।
पर्यटन और शांति की प्रतीक कश्मीर की वादियों में एक बार फिर आतंक का नंगा नाच देखने को मिला। मंगलवार शाम करीब 4 बजे, पहलगाम के बैसरन वैली में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। अब तक इस भीषण आतंकी हमले में 27 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो दर्जन से अधिक घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।













हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है, जो लंबे समय से पाकिस्तान की शह पर कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है।
हमले का पूरा घटनाक्रम: “नाम पूछा और गोली मार दी”
चश्मदीदों के अनुसार, बैसरन घाटी में पर्यटकों से आतंकियों ने पहले नाम पूछे, और जैसे ही हिंदू पहचान सामने आई, 20 फीट की दूरी से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई।
एक मात्र चार फुट चौड़ी एग्जिट से लोग गिरते-पड़ते जंगल की ओर भागे लेकिन भगदड़ और फायरिंग की वजह से कई लोग वहीं ढेर हो गए।
पर्यटक तिलक रूप चंदानी (नागपुर) ने बताया, “हम सात टूरिस्ट स्पॉट घूमकर लौट ही रहे थे, तभी अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी। सब कुछ पलों में खत्म हो गया।”
मरने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल
इस हमले में मारे गए लोगों में एक इटली और एक इजरायल का पर्यटक भी शामिल है। इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आए कई पर्यटक और दो स्थानीय नागरिक भी आतंकियों की गोलियों का शिकार बने।
घायलों को अनंतनाग मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर के प्रमुख अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
हमले के बाद पहलगाम बना छावनी, सर्च ऑपरेशन तेज
घटना के बाद पहलगाम क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया है। राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त बलों ने इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
सुरक्षा बलों के सूत्रों के मुताबिक, हमले को लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय मॉड्यूल ने अंजाम दिया, जिसमें 3 से 4 आतंकी शामिल थे।
हमले का वक्त और अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा
यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। इसे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करने और कश्मीर में फिर से डर का माहौल बनाने की कोशिश माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया कड़ा रोष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, “जो भी इस जघन्य अपराध में शामिल है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह हाल के वर्षों में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे बड़ा हमला है।
कब-कब आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना
इससे पहले भी आतंकी घाटी में पर्यटकों को निशाना बना चुके हैं:
- 2000: गुलमर्ग में ग्रेनेड हमला, 12 घायल
- 2006: श्रीनगर में टूरिस्ट बस पर फायरिंग, 6 की मौत
- 2017: अमरनाथ यात्रियों पर हमला, 7 श्रद्धालु मारे गए
- 2023: पुलवामा में टूरिस्ट वाहन पर फायरिंग, 3 घायल
- 2025 (पहलगाम): अब तक का सबसे बड़ा हमला, 27 मौतें
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना और चिंता
हमले की खबर सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, इजरायल और इटली ने घटना की कड़ी निंदा की है और आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़े रहने की बात कही है।
घटना से पर्यटन उद्योग पर संकट के बादल
कश्मीर के पर्यटन व्यवसाय पर इस हमले का बड़ा असर पड़ सकता है।
घटना से ठीक पहले तक कश्मीर में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या देखी जा रही थी। लेकिन अब कई टूर ऑपरेटर्स ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है।
स्वदेश केसरी की अपील:
देशवासियों से अपील है कि इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में एकजुट रहें और मृतकों के परिवारों के साथ संवेदना प्रकट करें।