होम राज्य उत्तर प्रदेश बदायूं में धूमधाम से मनाई गई महर्षि कश्यप जयंती,

बदायूं में धूमधाम से मनाई गई महर्षि कश्यप जयंती,

बदायूं। कश्यप युवा वाहिनी के तत्वावधान में महर्षि कश्यप जी की जयंती का आयोजन दुर्गा मंदिर सभागार में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया गया। इस अवसर पर वाहिनी के अध्यक्ष पुनीत कुमार कश्यप एडवोकेट ने महर्षि कश्यप जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

महर्षि कश्यप का गौरवशाली योगदान

इस अवसर पर वाहिनी के अध्यक्ष पुनीत कुमार कश्यप ने कहा कि महर्षि कश्यप ब्रह्माजी के मानस-पुत्र मरीचि के विद्वान पुत्र थे। उन्हें अनिष्टनेमी के नाम से भी जाना जाता था। उनकी माता ‘कला’ ऋषि कर्दम की पुत्री और कपिल देव की बहन थीं। महर्षि कश्यप को ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माना गया है। उन्होंने अधर्म का कभी समर्थन नहीं किया, भले ही इसमें उनके पुत्र ही क्यों न शामिल हों। वे राग-द्वेष से मुक्त, परोपकारी, चरित्रवान, निर्भीक एवं निर्लोभी थे।

वाहिनी के सचिव नौरंगी लाल कश्यप ने श्रीनरसिंह पुराण का उल्लेख करते हुए बताया कि महर्षि कश्यप अपने श्रेष्ठ गुणों, प्रताप और तप के बल पर महान विभूतियों में गिने जाते थे। वहीं, वाहिनी के सचिव सौरभ कश्यप ने कहा कि महर्षि कश्यप सप्तऋषियों में प्रमुख माने गए हैं

महर्षि कश्यप की अमर विरासत

महर्षि कश्यप ने समाज को एक नई दिशा देने के लिए ‘स्मृति-ग्रंथ’ की रचना की। इसके अलावा उन्होंने ‘कश्यप-संहिता’ लिखी, जिससे वे तीनों लोकों में अमर हो गए। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, कस्पियन सागर और भारत के कश्मीर का नामकरण भी महर्षि कश्यप के नाम पर ही हुआ

भारी संख्या में श्रद्धालु हुए शामिल

इस अवसर पर मैकू लाल कश्यप, मोहन लाल कश्यप, तेजपाल कश्यप, कमल कश्यप, हेतराम कश्यप, चेतन कश्यप, हरी कश्यप, मुन्ना लाल कश्यप, कबीर कश्यप, अमन कश्यप, रमा देवी कश्यप, पुष्पा देवी कश्यप, मुन्नी देवी, शारदा देवी, किरण देवी, राजश्री, कुसुम देवी, अभिषेक कश्यप, मंजू देवी, राजकुमारी सहित बड़ी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे

कार्यक्रम के अंत में महर्षि कश्यप जी की वंदना के साथ समापन किया गया, जिसमें समाज की एकता और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया

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