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- उपग्रह छवि हिमालय में हिमनद झीलों में बड़े विस्तार को दर्शाती है| इसरो निगरानी

ISRO ने कहा कि 1984 से 2023 तक हिमालय के भारत के क्षेत्र में आए ग्लेशियर झीलों में बदलाव की फोटो साझा की है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सैटेलाइट इमेज जारी करके दावा किया कि हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। ISRO का दावा है कि हिमालय में पहचानी गई ग्लेशियल झीलों का आकार बढ़ा है।
ISRO ने कहा कि 1984 से 2023 तक हिमालय के भारत के क्षेत्र में नदी घाटियों का क्यूचमेंट कवर करने वाली सैटेलाइट इमेजेज ने ग्लेशियर झीलों में आए परिवर्तन का संकेत दिया है। इसमें बताया गया है कि 2,431 झीलों में से 676 ग्लेशियल झीलों का 1984 से 2016-17 में 10 हेक्टेयर से ज्यादा विस्तार हुआ है।

हिमालय की 2018 (बाएं) और 1980 (दाएं) की सैटेलाइट इमेज में पिघलते ग्लेशियर देखे जा सकते हैं।
601 झीलें दो गुना से ज्यादा बढ़ी
ISRO ने कहा कि 676 झीलों में से 601 झीलें दो गुना से ज्यादा बढ़ी हैं, जबकि 10 झीलें 1.5 से दो गुना और 65 झीलें 1.5 गुना हैं। इसने कहा कि 676 झीलों में से 130 भारत में स्थित हैं, जिनमें 65 इंडस, सात गंगा, और 58 ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं। 314 झीलें 4,000-5,000 मीटर की ऊंचाई पर हैं, जबकि 296 झीलें 5,000 मीटर से भी ऊपर हैं।

मोरेन डैम्ड झीलें ज्यादा बढ़ रहीं
जिन 676 झीलों का विस्तार हो रहा है, उनमें 307 मोरेन डैम्ड झील हैं। उर्वरक झीलें 265, अन्य 96 झीलें और आइस डैम्ड 8 ग्लेशियल झीलें हैं।
ISRO ने सैटेलाइट इमेज हिमाचल प्रदेश में 4,068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गेपंग घाट ग्लेशियल झील में 1989 से 2022 के बीच 36.49 हेक्टेयर से 101.30 हेक्टेयर का 178 प्रतिशत विस्तार दिखाया है। यानी हर साल लगभग 1.96 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
उत्तर-पश्चिमी सिक्किम में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दक्षिण ल्होनक ग्लेशियर झील पिछले साल अक्टूबर में फट गई थी। इससे आई बाढ़ के कारण 40 लोगों की मौत हुई थी और 76 लोग लापता हो गए थे।