डिजिटलाइजेशन के विरोध में शिक्षकों ने दिया बी0आर0सी0 पर धरना-
बदायूँ।परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति एवं मध्यान्ह भोजन पंजिकाओ के डिजिटलाइजेशन हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश द्वारा दिए गए निर्देशों के विरोध में आज उत्तर प्रदेश के कुल 826 विकास क्षेत्र के परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों एवं शैक्षिक संवर्ग के कर्मचारियों ने आज संबंधित ब्लॉक संसाधन केदो पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया।

इसी क्रम में आज जनपद बदायूं में भी उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा के निर्देशन में 15 विकास क्षेत्र के ब्लॉक संसाधन केदो पर स्कूल समय के पश्चात शिक्षकों एवं शैक्षिक संवर्ग के लोगों ने अपने-अपने विकास क्षेत्र के ब्लॉक संसाधन केदो पर पंजिकाओं के डिजिटलाईजेशन एवं शिक्षकों की विभिन्न लंबित मांगों के निराकरण हेतु खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से महानिदेशक बेसिक शिक्षा को अपना मांग पत्र प्रेषित किया।
विकास क्षेत्र जगत के शिक्षकों ने मालवीय अध्यापक आवास गृह पर धरना प्रदर्शन किया। शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि शासन एवं विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा पिछले कई वर्षों से लंबित शिक्षकों की जायज मांगों का निराकरण न करके शिक्षकों के लिए नित्य नए-नए अव्यवहारिक आदेश जारी कर उनका अनुपालन न कर पाने की स्थिति में शिक्षकों की कार्यवाही करके शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। बदायूं के शिक्षक तो बहुत आक्रोशित नजर आए क्योंकि जनपद बदायूं में तो यहाँ कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाती भारती के द्वारा टैबलेट के माध्यम से पंजिकाओं का डिजिटलाइजेशन न करने पर जनपद के 3300 टैबलेट संचालन कर्ताओं के फरवरी माह के वेतन पर ही रोक लगा दी गयी। जबकि प्रदेश के किसी अन्य जनपद में किसी बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा इस प्रकार की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शिक्षकों का कहना है कि शासन की ओर से टैबलेट तो उपलब्ध करा दिए गए परंतु क्या यह टैबलेट बिना सिम एवं डाटा रिचार्ज के कार्य कर सकते हैं? उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ0 दिनेश चंद्र शर्मा ने प्रमुख सचिव से दो बार हुई वार्ता के दौरान उन्हें स्पष्ट कर दिया कि जब तक टैबलेट संचालन हेतु विभाग के सिम और डाटा रिचार्ज उपलब्ध नहीं किया जाएगा तब तक शिक्षक टैबलेट का संचालन नहीं करेंगे।
शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि जब तक कि शिक्षकों को एक कैलेंडर वर्ष में 31 दिन का उपार्जित अवकाश, प्रत्येक माह में द्वितीय शनिवार अवकाश,अर्थ दिवस अवकाश देय नहीं होगा तब तक डिजिटलाइजेशन नहीं किया जाएगा।
जिला प्रवक्ता आयुष भारद्वाज ने कहा कि शिक्षक का सामाजिक दायरा होता है उनके साथ या उनके घर परिवार में कई बार ऐसी स्थिति आती है कि शिक्षक को विद्यालय समय के बीच में विद्यालय छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है परंतु विभाग के द्वारा अर्थ दिवस का आकस्मिक अवकाश भी देय नहीं है। यह बिल्कुल न्यायोचित नहीं है।
ब्लॉक अध्यक्ष डॉ0 पंकज पाठक ने कहा कि जब तक शिक्षकों की यह मांगे पूरी नहीं होगी तब तक कोई शिक्षक टैबलेट का संचालन नहीं करेगा।
जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि जनपद का शिक्षक शासन की शिक्षक विरोधी एवं दमनकारी नीतियों के विरुद्ध एकजुट है यदि शिक्षकों को इसी प्रकार से प्रताड़ित किया जाता रहा तो ऐसी स्थिति में जनपद का एक-एक शिक्षक सड़क पर उतरकर अपने लिए न्याय की लड़ाई लड़ने को बाध्य होगा।
धरने का समापन महानिदेशक स्कूल शिक्षा को संबोधित ज्ञापन खंड शिक्षा अधिकारी रमेश चंद्र जौहर को देकर किया गया।
इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष पंकज पाठक, मंत्री आफाक अहमद, कोषाध्यक्ष अरुण सक्सेना, तहसील प्रभारी प्रीति राठौर, जिला प्रवक्ता आयुष भारद्वाज, संगीता शर्मा, सुभाष चंद्र, युधिष्ठिर सुमन, अमित यादव, त्रिभुवन सिंह, वैभव श्रोत्रिय, ऋषभ कुमार, मोहित शुक्ला, वीना राठौर, अनिल कुमार सिंह, मृदुलेश यादव, सत्यवीर यादव समेत ब्लॉक जगत के कार्यकारिणी सदस्य एवं संघर्ष समिति के पदाधिकारी एवं शिक्षक गण मौजूद रहे।