परिवार के सामने होगा मुख्तार का पोस्टमार्टम, कड़ी सुरक्षा में गाजीपुर पहुंचेगा शव

यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. बांदा जेल में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है. अब मुख्तार की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी जिलों में पुलिस का पहरा बढ़ गया है. एक सप्ताह पहले 21 मार्च बाराबंकी में पेशी के लिए मुख्तार ने कोर्ट में खुद को जहर देने की बात कही थी। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी ने जेल के खाने में जहर देने का आरोप लगाया था। उसने कहा है कि इससे उसकी तबीयत काफी गंभीर हो गई है और ऐसा लगता है कि कभी भी मृत्यु हो सकती है। मुख्तार अंसारी ने इसे बड़ा षड्यंत्र बताते हुए अदालत से इलाज करवाने की गुहार लगाई थी। बीते बृहस्पतिवार को बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर मामले की पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील ने उसका प्रार्थना पत्र अदालत को सौंपा था।
अचानक बिगड़ी तबियत
तीन दिनों से बीमार चल रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत गुरुवार रात अचानक फिर से बिगड़ गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, डीएम अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके बाद मुख्तार को एंबुलेंस से दोबारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। आशंका जताई जा रही है कि मुख्तार को दिल का दौरा पड़ा है।
मुख्तार अंसारी पर 65 से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे. 21 सितंबर 2002 को पहली बार सजा हुई थी. 2 केस में उम्र कैद की सजा हुई थी. 17 महीने में 8 बार सजा हुई थी.इसी बीच, मऊ और गाजीपुर और बांदा में सुरक्षा बढ़ाई गई है. बांदा मेडिकल कॉलेज के बाहर बड़ी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. डीजीपी मुख्यालय ने सतर्कता बरतने के निर्दश दिए हैं.
माफिया मुख्तार के परिवार के सदस्य बांदा के लिए रवाना हुए हैं. मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं. मुख्तार के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की पत्नी निखत और अफजाल अंसारी कुछ देर पहले गाजीपुर से बांदा के लिए रवाना हुए. हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी की पैरवी करने वाले वकील अजय श्रीवास्तव भी बांदा के लिए रवाना हुए.
मुख्तार के हमले में जब बाल-बाल बचे थे योगी, गाड़ी बदलकर बचाई थी जान
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 7 सितंबर 2008 को आजमगढ़ में हमला हुआ था। इस हमले में वह किसी तरह से बचे थे। इस घटना का जिक्र खुद योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं।