रिसौली। अयोध्या में राम मंदिर में राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में करायी जा रही नौ दिवसीय कथा के आज तीसरे दिन भगवान शंकर बारात से सम्बंधित प्रसंगों का वर्णन करते हुए कथा व्यास रवि जी समदर्शी महाराज ने बतया कि बारात चलने से पूर्व भगवान शिव जी के गणों ने शंकर जी को सजाया उन्हें नागों से सजाया गया, चिता भस्म शरीर पर मली गई, मृग की छाल वस्त्र के रूप में पहनाई गई भोले बाबा कहते हैं जिस आभूषण से परिवार में कलेस हो विवाद हो ऐसे आभूषण किस काम के इसलिए वे ,शरीर पर चिता की राख लगाते हैं
एक ना एक दिन राख में ही मिलना है, भगवान शंकर का हर कार्य कुछ ना कुछ शिक्षा प्रदान करता है,पहले देवताओं के अपने-अपने साज बरात में चले सबसे अंत में भगवान शंकर बैल पर सवार होकर जोकि धर्म का प्रतीक है हिमाचल और मैना के दरवाजे पर पहुंचे आरती स्वयं फिसल कर गिर गई जिसके शीश पर शशि विराजमान हो तब आरती छोटी हो जाती है इसलिए आरती ने शशि का सम्मान करते हुए स्वयं को बुझा दिया शंकर जी का विवाह हुआ विवाह में समस्त भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी उपस्थित रहे सप्त ऋषि ने वेद मंत्रों के साथ शंकर जी का और पार्वती जी का विवाह कराया ,सब प्रसन्न है देवता फूल बरसा रहे हैं सब आशीर्वाद देते हैं शुभकामनाएं देते हैं पार्वती जी को और सजल नेत्रों से हर घर की बेटी है ऐसा स्वरूप दिखता है विदा करते हैं कुछ समय पश्चात उनके बेटे का जन्म हुआ जिसका नाम कार्तिकेय था कार्तिकेय ने युद्ध में तारकासुर का वध किया,
गोस्वामी जी कहते हैं
शिव द्रोही मम दास कहावा l
सो नर मोहि सपनेउ नहीं भावा ll
मेरे रामजी कहते हैं जो शंकर भगवान से प्रेम नहीं करता है वह मनुष्य मुझे स्वप्न में भी पसंद नहीं है आता,शिवजी की आराधना पूजा व्रत अनुष्ठान जरूरी है,
भगवान के जन्म के कर्म पर विशेष चर्चा की उन्होंने कहा भगवान सरकार भी है निराकार भी है।
आज राम कथा में ग्रीस पाल सिसोदिया,सोनू शर्मा, गंगा सिंह,विपिन सिंह,योगेश बजाज,भानू चौहान,सतीश कश्यप,अवधेश महेश्वरी,अवधेश पाली,राजेश पाली,धर्मेंद्र महेश्वरी,दिनेश पाली,रिंकू चौहान,राजू चौहान,दुष्यंत सोलंकी,राजेंद्र शर्मा,राजेश सिंह,अतुल सोलंकी ,सुनील सोलंकी,सुनील सिंह, राजीव राणा,नितिन शर्मा,संजीव सिंह,आदि सहित सैकड़ों राम भक्तों ने कथा सुन आरती कर प्रसाद पाया l