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अलीगढ़ के मडराक क्षेत्र में युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में दोषी बहनोई को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला एडीजे छह नवल किशोर सिंह की अदालत से सुनाया गया है। साथ में जुर्माना राशि में से 50 फीसदी धनराशि वादी को देने के निर्देश दिए हैं।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी स्वर्णलता वर्मा के अनुसार घटना पांच मई 2016 की है। वादी मुकदमा नगला फार्म, हाथरस निवासी गिरीश चंद्र के अनुसार उसने 2012 में बहन चंद्रकांता की शादी देहलीगेट जलालपुर के प्रदीप उर्फ टीनू से की थी। यह शादी ज्यादा दिन नहीं चली और दोनों पक्षों में फैसले के आधार पर संबंध विच्छेद हो गए। शादी में जो बाइक प्रदीप को दी गई थी वो फैसले के बाद वापस मिल गई। इस दौरान प्रदीप ने बाइक के कागज देने का वादा किया था। मगर मन में रंजिश पाल ली थी। इसी बीच वापस की गई बाइक कुछ दिन बाद फिरोजाबाद पुलिस ने बिना कागजों के पकड़ ली थी।
उस समय बाइक पर गिरीश का भाई बंटी सवार था। उसने फोन करके प्रदीप से कागज मांगे। उसने यह कहकर बात टाल दी कि कागज खो गए हैं। तुम आ जाओ मैं सासनी आ रहा हूं। तुम्हारे साथ अलीगढ़ चलकर आरटीओ आफिस में दूसरे कागज बनवाकर दे दूंगा। इस पर विश्वास करते हुए बंटी घटना वाले दिन आया तो प्रदीप अपने भाई मोनू को लेकर आया। इसके बाद मोनू, बंटी व प्रदीप बाइक पर बैठकर अलीगढ़ गए। पीछे से दूसरी बाइक पर गिरीश भी चल दिया।
इसी बीच दिन में आगरा बाइपास रोड पर गंदे नाले की पटरी पर गांव बढ़ौली फत्तेखां के सामने बाइक रोककर प्रदीप व मोनू ने बंटी की गर्दन पर तमंचा सटाकर गोली मार कर हत्या कर दी और शोर मचाने लगे। इसी बीच पीछे से आते गिरीश ने शोर मचाया तो उस पर भी फायर किया। इससे वह बाल बाल बच गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्रदीप व मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके चार्जशीट दाखिल की गई। दौरान-ए-सत्र परीक्षण मोनू जमानत पर बाहर आ गया था। पिछले वर्ष 28 फरवरी को उसकी मौत हो गई। अब अदालत ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर पर प्रदीप को दोषी करार देकर उम्रकैकद व बाइस हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।