
फारूक अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक JKCA के अध्यक्ष थे। साल 2004 और 2009 के बीच JKCA के अधिकारियों सहित कई लोगों ने क्रिकेट एसोसिएशन के फंड को अपने पर्सनल बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया था।
ED ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में समन भेजा है। जांच एजेंसी ने फारूक को गुरुवार (11 जनवरी) को श्रीनगर में पूछताछ के लिए बुलाया है।
ED ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के फंड में अनियमितताओं को लेकर यह कार्रवाई की है। ED और CBI दोनों इस मामले की जांच कर रही है। ED ने इस मामले में साल 2022 में चार्जशीट दायर की थी। फारूक से इस मामले में पहले भी पूछताछ हो चुकी है।
इसके मुताबिक, 86 साल के फारूक अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक JKCA के अध्यक्ष थे। 2004 और 2009 के बीच JKCA के अधिकारियों सहित कई लोगों ने क्रिकेट एसोसिएशन के फंड को अपने पर्सनल बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया था।
ED ने एसोसिएशन के अधिकारियों के खिलाफ CBI की ओर से 2018 में दायर चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की थी। फारूक पर आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने JKCA में नियुक्तियां कीं, ताकि BCCI के स्पॉन्सर्ड फंड में हेरफेर किया जा सके।
2015 में JKCA में घोटाले की जांच CBI के हवाले की गई थी
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में करीब 113 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गई थी। आरोप लगाया गया कि यह रकम एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आपस में बांट ली। 2015 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने क्रिकेट घोटाले की जांच CBI के हवाले की। 11 जुलाई 2018 में CBI की FIR के आधार पर ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, सलीम खान और अहसान अहमद मिर्जा मुख्य आरोपी हैं। एजेंसी ने सितंबर 2019 में JKCA के तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ केस चल रहा है।
