नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की सेकेंड वेव का कहर जारी है. हालांकि कोरोना (Corona) के नए मामलों में कमी आई है लेकिन मौतों का आंकड़ा नहीं घट रहा है. ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां कोरोना का प्रकोप न हो. कोरोना की सेकेंड वेव में वायरस ने सबसे ज्यादा बच्चों को शिकार बनाया है. बड़ी संख्या में बच्चे कोविड पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए हैं.
बच्चों में तेजी से बढ़े कोरोना के मामले
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों में तेजी से हुए कोरोना वायरस के संक्रमण का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ कर्नाटक (Karnataka) में बीते 2 महीने में 9 साल से कम उम्र के 40 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से कर्नाटक सरकार परेशान है. कोरोना के आंकड़ों की बात करें तो कर्नाटक में 9 साल तक की उम्र के 39,846 बच्चों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है. जबकि 10 से 19 साल तक की उम्र के 1 लाख 5 हजार 44 बच्चे कोविड पॉजिटिव मिले हैं.
मार्च तक इतने बच्चे हुए थे कोरोना से संक्रमित
कोरोना वायरस संक्रमण के ये आंकड़े 18 मार्च, 2021 से 18 मई, 2021 तक के हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जब कोरोना वैश्विक महामारी की शुरुआत हुई, तब से 18 मार्च, 2020 तक 0-9 साल के 17,841 बच्चे और 10-19 साल के 65,551 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए.
सेकेंड वेव है ज्यादा खतरनाक
इन आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले में कोरोना की सेकेंड वेव बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुई. सेकेंड वेव के दौरान पिछले साल की तुलना में करीब दोगुने केस सामने आए हैं.
लेडी कर्जन हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीनिवास ने कहा कि कोरोना की सेकेंड वेव खतरनाक तरीके से बढ़ रही है. सेकेंड वेव में अगर कोई कोरोना संक्रमित हो रहा है तो उसके परिवार के बाकी सदस्य भी 2 दिन के अंदर पॉजिटिव हो जा रहे हैं. इसी वजह से पहले की तुलना में ज्यादा बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अगर घर का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो जाए तो सबसे पहले वह बच्चों से दूरी बनाए. उनके संपर्क में न आए. कोरोना वायरस के लक्षण दिखते ही सावधानी बरतें.