मुंबई में कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की दर घटकर 80 प्रतिशत हो गई है जबकि संक्रमण की कुल दर बढ़कर 1.91 प्रतिशत हो गई है तथा अब 35 दिन में संक्रमण के मामले दोगुना हो रहे हैं।
हाइलाइट्स:
- बच्चों में संक्रमण के पीछे महाराष्ट्र में डबल म्यूटेशन को बताई जा रही वजह
- दूसरी लहर में बच्चों में दिख रहे पेट दर्द और डायरिया के अधिक लक्षण
- पहले चरण के दौरान बच्चों में दिखा था कम असर, भर्ती के मामले भी थे कम
नई दिल्ली
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच मुंबई में महामारी के बढ़ते संक्रमण ने टेंशन बढ़ा दी है। टेंशन की खास वजह है कि दूसरी लहर के दौरान बच्चों में नए म्यूटेशन का अधिक असर दिखाई दे रहा है। कोरोना मरीजों का इलाज करने वालों डॉक्टरों का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान अलग तरह का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इसमें बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों और किशोरों में लंबे समय तक बुखार और पेट दर्द और डायरिया के लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं। जबकि पहली लहर में ऐसे लक्षण नहीं देखने को मिल रहे थे।
महाराष्ट्र में डबल म्यूटेशन हो सकती है वजह
घाटकोपर में बच्चों का अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर बकुल पारिख का कहना है कि उनके अस्पताल में 1 से 7 साल के बीच के 6 बच्चों को भर्ती किया गया है। इनमें से तीन में बुखार और पेट की बीमारियों से जुड़े लक्षण देखने को मिले। जबकि बाकि को बुखार के साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉ. बकुल पारिख का कहना है कि वायरस का नया म्यूटेशन बच्चों को अधिक प्रभावित कर रहा है। मेडिकल लिटरेचर से पता चलता है कि महाराष्ट्र में ‘डबल म्यूटेशन’ (जिसे अब B1.617 कहा जा jue है), इसके पीछे के कारणों में से एक हो सकता है।
कोरोना से ठीक होने वालों की दर घटी
मुंबई में कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की दर घटकर 80 प्रतिशत हो गई है जबकि संक्रमण की कुल दर बढ़कर 1.91 प्रतिशत हो गई है तथा अब 35 दिन में संक्रमण के मामले दोगुना हो रहे हैं। शहर में 72 निषिद्ध क्षेत्र हैं जहां 789 इमारतों को सील कर दिया गया है।