बदायूँ शहर से प्रिंस शर्मा,विवेक पराशर,स्वप्निल पाण्डे,बिल्सी से दीपक माहेश्वरी, बिसौली से कृष्णावतार शर्मा,उझानी से प्रवीन सचदेवा “रिम्पी भाई”,अलापुर से मयंक गुप्ता,व सहसवान से आदर्श सक्सेना,
लॉकडाउन की वजह से राज्य के सभी शहरों में सन्नाटा पसर गया है। देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद से लेकर लेकर लखनऊ बदायूँ और पूर्वी यूपी में गोरखपुर सहित सभी शहरों में सड़कें पूरी तरह वीरान नजर आ रही है।
बदायूँ रेलवे स्टेशन रोड
विवेक पराशरइंद्राचौक रोड विवेक पराशर टिकटगंज से स्वप्निल पाण्डे टिकटगंज से स्वप्निल पाण्डे बदायूँ आर्य समाज चौक रोड से प्रिंस शर्मा बदायूँ सर्राफा बाजार से प्रिंस शर्मा बदायूँ खंडसारी मोहल्ला से प्रिंस शर्मा बदायूँ सुभाष चौक रोड से प्रिंस शर्मा प्रोफेसर कालोनी बदायूँ प्रोफेसर कालोनी बदायूँ प्रोफेसर कालोनी बदायूँ सहसवान से आदर्श सक्सेना सहसवान से आदर्श सक्सेना अलापुर से मयंक गुप्ता बिसौली से कृष्ण अवतार शर्मा उझानी से प्रवीण सचदेवा बिल्सी से दीपक माहेश्वरी बिल्सी से दीपक माहेश्वरी लखनऊ शहर लखनऊ शहर कानपुर शहर गाजियाबाद शहर
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक चलने वाली पूर्ण बंदी में आवश्यक सेवाओं में शामिल स्वास्थ्य सेवाओं मसलन मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम को ही खोलने की अनुमति दी गई है। इसी तरह कोरोना से बचाव वाली सामग्री बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी संचालित होंगी।
बदायूँ सहित आसपास के नगरों में बाजार व फुटकर की दुकानें बंद रहीं। यहां तक की पेट्रोल पंप, दूध, राशन, किराना और परचून तक की सभी दुकानें बंद रहीं। कोरोना के खौफ के चलते लोग घरों में कैद रहे।रविवार सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा दिखा।
जरूरी सामान के लिए परेशान रहे शहरवासी
लॉकडाउन के दौरान शहरवासी जहां घरों में कैद रहने को मजबूर रहे, वहीं दूसरी तरफ छोटी-छोटी चीजों के लिए भी परेशान दिखे। शहर पूरी तरह बंद होने के कारण लोग कहीं जाने के लिए रिक्शे तक को परेशान रहे। हालांकि घर से बाहर निकलने पर पाबंदी थी, लेकिन इक्का-दुक्का लोग निकल रहे थे।
मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी
शहर बंद होने के कारण सबसे अधिक परेशान दिहाड़ी मजदूरों को आई। यह तबका हर रोज कमाने-खाने वालों का है। चाट के ठेले हों या रिक्शेवाले , मजदूर हों या फिर छोटे कामगार, सभी की दिहाड़ी मारी गई।
रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से यात्री गायब
यही हाल रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड का रहा। यहां भी यात्री नाम मात्र को रहे। बस स्टैंड पर बसें तो चलीं, लेकिन अपेक्षाकृत कम चलीं। बस संचालकों का कहना है कि जब यात्री ही नहीं हैं, तो बस चलाकर क्या करेंगे।शहर में जो भी ई-रिक्शेवाला सवारी लेकर निकला पुलिस ने पहियों की हवा निकाल दी। अन्य जो वाहन निकले उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की।
शासन के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार से जिले में रात आठ बजे से दुकानें बंद करने के निर्देश दिए थे। जिसका अनुपालन कराने में जिला प्रशासन को जोर भी नहीं लगाना पड़ा।लोगों ने स्वयं अपनी दुकानों को सात बजे के बाद बंद करना शुरू कर दिया। रात आठ बजे तक लगभग शहर की सभी बाजार बंद हो गए। फुटपाथ की फेरी वाली दुकानें भी सिमट चुकीं थीं।जिसके बाद सड़क पर आने जाने वाले लोगों का आना जाना भी बंद सा हो गया। रात नौ के बजे के बाद ऐसा सन्नाटा शहर में देखने को मिला कि लोगों को एक बार फिर से लॉकडाउन याद आ गया।
इधर नगर पालिका अध्यक्ष बदायूँ दीपमाला गोयल ने स्वदेश केसरी के माध्यम से जनता से अपील करते हुए कहा कि कोरोना जिस तेजी से बढ़ रहा है उसको देखते हुए सिर्फ प्रशासन व शासन को ही नहीं बल्कि हम सभी को ऐसे कदम उठाने ही होंगे। जरूरत न हो तो घरों से न निकलें। इसी से बढ़ते संक्रमण को रोका जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक सभी ग्रामों एवं नगरों में संचालित किये जाने वाले सेनिटाइजेशन, स्वच्छता एवं फॉगिंग अभियान के सुचारू संचालन के लिए मण्डलायुक्तों को अपने-अपने मण्डल का नोडल अधिकारी नामित किया जाए। सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर किसी को पहली बार बिना मास्क पहने पकड़ा जाए तो उस पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाए।