तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर में व्हाई यू चूज़ टु बिकम ए डॉक्टर टॉपिक पर एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को एटीट्यूट, एथिक्स और कम्युनिकेशन-एटकॉम के तमाम टिप्स दिए गए। पैनल डिस्कशन में विशेषज्ञ डॉक्टरों और नवागत छात्रों ने कहा, डॉक्टरी पेशे में मानव सेवा सर्वोपरि है। इस पेशे में अनुशासन को अनिवार्य बताते हुए कहा, यदि कोई भी डॉक्टर सह्रदय रोगी का चेकअप करता है तो सच मानिए पेशेंट की आधी बीमारी उसी वक्त ठीक हो जाती है। उल्लेखनीय है, एमसीआई की नई गाइड लाइन्स के मुताबिक एटकॉम को भी मेडिकल स्टडी की मानिंद महत्वपूर्ण माना गया है। इस मौके पर वाइस प्रिंसिपल डॉ. एसके जैन ने प्रिंसिपल डॉ. श्यामोली दत्ता को मोमेंटों दिया। कार्यक्रम में मौजूद सभी पैनलिस्टों को भी स्मृति चिन्ह दिए गए। संचालन डॉ. हिना नफीस ने किया।



मेडिकल कॉलेज के नए एलटी- वन में आयोजित पैनल डिस्कशन में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने भी सवाल किए। मानव जीवन को बचाना डॉक्टरों का धर्म है। इससे बड़ा कोई पुण्य हो नहीं सकता। चिकित्सा के पेशे में सेवा निस्वार्थ भाव से रहती है। पैनल डिस्कशन में मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. श्यामोली दत्ता, वाइस प्रिंसिपल डॉ. एसके जैन, फिजियोलॉजी के एचओडी प्रो. डॉ. जय वल्लभ, फार्मोकॉलॉजी के एचओडी डॉ. प्रीथपाल मटरेजा, साइकेट्रिक की डॉ. प्रेरणा गुप्ता और डॉ. मनीष त्यागी, एनेस्थिसिया के डॉ. रोहित वार्ष्णेय और डॉ. पायल जैन, एनाटोमी की डॉ. निधि शर्मा, रेडियोलोजी के डॉ. अंकुर मल्होत्रा, माइक्रोबायोलॉजी की डॉ. श्वेता आर शर्मा आदि मौजूद रहे। पैनल डिस्कशन से पहले प्राचार्या डॉ. श्यामोली दत्ता ने अपने संक्षिप्त एवं सारगर्भित सम्बोधन में सभी पैनलिस्टों का स्वागत किया। पैनल डिस्कशन में सबसे पहले विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपने विचार व्यक्त किए। बाद में सवाल-जवाब का दौर चला।