जम्मू जोन के आई जी मुकेश सिंह ने बताया की अनंतनाग और जम्मू पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है,हम पिछले 2-3 दिनों से हाई अलर्ट पर थे.हमारे पास पहले से इनपुट था कि आतंकी पुलवामा हमले की बरसी पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
श्रीनगर. पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर आतंकियों की साजिश को नाकाम करते हुए सुरक्षा बलों ने जम्मू में एक बस स्टैंड के पास रविवार को 6 से 6.5 किलोग्राम विस्फोटक बरामद (IED) किया है. इस पूरे घटनाक्रम पर जम्मू जोन के आईजी मुकेश सिंह ने बताया कि अनंतनाग और जम्मू पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. हम पिछले 2-3 दिनों से हाई अलर्ट पर थे.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पहले से इनपुट था कि आतंकी पुलवामा हमले की बरसी पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. ऐसे में जांच के दौरान हमने चंडीगढ़ में पढ़ने वाले एक नर्सिंग छात्र सोहेल को गिरफ्तार किया है. 6 से 6.5 किलो आईईडी बरामद किया गया है. आईजी ने कहा कि पंजाब में पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी छात्र आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं.’
सोहेल नाम का संदिग्ध युवक गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सोहेल नाम के संदिग्ध युवक को जम्मू से पकड़ा गया है. वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला है. आईजी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सोहेल ने जांच के दौरान खुलासा किया है कि वह चंडीगढ़ में पढ़ता है और उसे पाकिस्तान के अल बद्र तंजीम से आईईडी प्लांट करने का मैसेज मिला था. आईईडी लगाने के लिए उसे 3-4 जगह बताई गई थी, जिसमें रघुनाथ मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और लखदाता बाजार शामिल थे. अधिकरी ने कहा कि इनमें से किसी एक जगह पर व्यक्ति को आईईडी रखना था. इससे काफी बड़ा धमाका हो सकता था जिसे जम्मू पुलिस ने नाकाम कर दिया है.
सांबा जिले से पिस्टल, छोटे आईईडी बरामद
आईजी मुकेश सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ में काजी वसीम नाम के एक व्यक्ति को भी इस मामले की जानकारी थी, उसे भी पकड़ लिया गया है. इसके साथ ही आबिद नबी नाम के शख्स को भी पकड़ा गया है. पुलिस के मुताबिक, जम्मू आतंकियों की हिटलिस्ट में था. सांबा जिले में कल रात ही 6 पिस्टल और 15 छोटे IED बरामद किए गए थे.
2 साल पहले जैश ए-मोहम्मद ने किया था हमला
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में दो साल पहले आज ही के दिन जैश ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की दूसरी बरसी के मौके पर सुरक्षाबलों ने पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त की हुई थी और उसी का नतीजा है कि आतंकियों की ये साजिश नाकाम हो गई.