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नारी की सोच ही नारी की ताकत : वीसी
टीएमयू में नारी मिशन शक्ति और नशा मुक्त भारत अभियान पर कार्यक्रम

खास बातें
नशे के चुंगल में फंसे युवाओं को अच्छे संस्कारों की दरकार : डॉ. अनुपमा
जीवन ईश्वर का बेहद खूबसूरत उपहार, बस जीना आना चाहिए : नारंग
निदेशक छात्र कल्याण बोले, युवा करें तो सकारात्मकता का नशा करें
अंत में छात्र-छात्राओं की दिलाई नारी शक्ति और नशा मुक्ति की शपथ

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी में मिशन शक्ति के तहत नशा मुक्त भारत अभियान में टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि नारी शक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, घर की चारदीवारी हो या वाह्य दुनिया, चौतरफा नारियां आत्मविश्वास के साथ अग्रसर हैं। ज्ञान ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के परिदृश्य को भी बदलने की क्षमता रखती हैं। निस्वार्थ भाव से नारी किचन से लेकर परिवार के हर सदस्य का बेहद संजीदगी से ख़्याल रखती है। नारी की सोच ही नारी की ताकत है। नशा मुक्ति पर बोले, हमें हर हालात में मनोविकार की परिस्थितियों से बचना है, क्योंकि नकारात्मकता की सोच हमें नशे की ओर ले जाती है, इसीलिए हमें हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। हमें किसी भी मोर्चे पर घबराना नहीं चाहिए। देखा जाता है, विफलता कभी-कभी इंसान को मौत के द्वार तक ले जाती है। यदि हम मानसिक तौर पर मजबूत होंगे तो किसी प्रकार के नशे से कोसों दूर रहेंगे। टीएमयू के कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज, इंस्टीटूशन्स इन्नोवेशन कॉउंसिल और यूपी सरकार की ओर से आयोजित इस साझा प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के संग-संग बतौर स्पेशल गेस्ट डिस्टिक प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अनुपमा शांडिल्य और योग गुरु श्रीमती ऋतु नारंग के अलावा निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह, कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज के प्राचार्य डॉ. डीएस पांडे, प्रोग्राम कन्वीनर डॉ. देवेंद्र पाल सिंह आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।

नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन के प्रतीक मिशन शक्ति प्रोग्राम का आगाज निदेशक छात्र कल्याण प्रो. सिंह के स्वागत भाषण से हुआ। अंत में ऑडी में मौजूद सभी छात्र-छात्राओं को नारी शक्ति और नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई गई।

डिस्टिक प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अनुपमा शांडिल्य बतौर स्पेशल गेस्ट बोलीं, नशे के चुंगल में फंसे युवाओं को मार्गदर्शन के साथ-साथ अच्छे संस्कारों की दरकार है। साथ ही उन्होंने युवाओं से आह्वान किया, वे अपनी नारी साथी की सुरक्षा और सम्मान करें। साथ ही नारी भी अपनी सीमाओं में रहकर उनका सम्मान करें। यदि युवा दिग्भ्रमित होता है तो राष्ट्र भी गर्त में चला जाएगा। युवा अपनी शक्ति और क्षमताओं को पहचान कर देश और राष्ट्र की तस्वीर बदल सकते हैं। योग गुरु श्रीमती ऋतु नारंग बोलीं, यह हमारा दुर्भाग्य है, 21वीं सदी में युवा नशे के आदी होकर दिग्भ्रमित से हो गए हैं। बोलीं, जीवन ईश्वर का बेहद खूबसूरत उपहार है, बस इसे जीना आना चाहिए। स्त्री ब्रह्मा की अद्भुत रचना है। नारियां मानवता के नाते समाजसेवा के लिए आगे आएं। नारी दूसरों से जैसे व्यवहार की अपेक्षा करती है, उसे भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए। निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह ने अंत में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। साथ ही युवाओं से नशे से दूर रहने का आह्वान किया। बोले, नशे करना ही है तो स्टडी का करें। खेल का करें। लक्ष्य प्राप्ति का करें, लेकिन ऐसा कोई नशा न करें, जिससे वे पतन की ओर जाए। नारी मिशन शक्ति कार्यक्रम में डॉ. विनोद जैन, डॉ. अशोक लखेरा, श्री रत्नेश जैन, डॉ. त्रिलोक पाठक, डॉ. रवि प्रकाश सिंह, श्री रनजीत सिंह, श्रीमती सुमन गुप्ता, श्री विनय कुमार के साथ-साथ करीब 200 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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