दिल्ली से वाराणसी के रास्ते में मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और अयोध्या भी शामिल किए जा सकते हैं
प्रदीप कुमार शर्मा (एडिटर इन चीफ) की रिपोर्ट
नई दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन रूट के लिए सर्वे आज से शुरू करने की तैयारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन की ओर से है। रेलवे सूत्रों के अनुसार प्रयागराज और अयोध्या से होते हुए हाईस्पीड रूट का भी सर्वे होना है और बुलेट ट्रेन इन महत्वपूर्ण स्थलों से भी होकर गुजर सकती है। लिहाजा सर्वे में यह रूट भी शामिल किया गया है। रविवार को बुलेट ट्रेन (हाई स्पीड रेल कारीडोर) के लिए पूर्वांचल के जौनपुर, भदोही, वाराणसी जिलों में भी हवाई लिडार सर्वे प्रस्तावित है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट कॉरिडोर के बाद अब मोदी सरकार ने दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट चलाने की तैयारी कर ली है. 13 दिसंबर से दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का सर्वे शुरू होगा. दिल्ली से वाराणसी के बीच 865 किलोमीटर लंबे ट्रैक के लिए हेलिकॉप्टर से लिडार सर्वे किया जाएगा.इस तकनीक में लेज़र बीम वाले उपकरणों से लैस एक हेलिकॉप्टर का उपयोग लिडार यानी लाईट डिटेक्शन एंड रेंजिंग तकनीक के लिए होगा. परंपरागत तरीक़े से सर्वे करने पर करीब साल भार का वक्त लगता है लेकिन इस तकनीक से ये काम तीन महीने में पूरा हो सकता है.दिल्ली से वाराणसी के रास्ते में मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और अयोध्या भी शामिल किए जा सकते हैं. वहीं देश के पहले बुलेट ट्रेन रूट मुंबई अहमदाबाद पर भी तेजी से काम चल रहा है
इस बाबत नार्थ सेन्ट्रल रेलवे के सीपीआरओ कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन नई दिल्ली से वाराणसी तक लगभग 865 किलोमीटर तक का हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए आज से सर्वे प्रस्तावित है। इस हाईस्पीड रेल कॉरीडोर के सर्वेक्षण के लिए विशेष लिडार तकनीक का सहारा लिया जा रहा है इस तकनीक में हेलीकॉप्टर के साथ ही अत्याधुनिक लेजर उपकरणों से कॉरीडोर के निर्माण के लिए सर्वेक्षण होना है,वाराणसी-नई दिल्ली (865 किमी) रूट पर प्रस्तावित बुलेट ट्रेन वाराणसी से नई दिल्ली का सफर महज ढाई घंटे में तय होगा। 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलेगी। वहीं कॉरिडोर को लेकर भूमि अधिग्रहण की तैयारियां भी जोर पकड़ने लगी है
इस आधुनिक डार तकनीक से महीनों में पूरा होने वाला सर्वे कुछ ही दिनों में पूरा हो जाएगा। सर्वे की शुरुआत के बाद अमूमन दस से बारह सप्ताह में सर्वे पूरा कर इसका डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी सबमिट कर दिया जाएगा। इसके बाद ही जमीन चिन्हित कर रूट पर ट्रैक बिछाने और रेल दाैड़ाने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाया जाएगा। हालांकि, रविवार को वाराणसी और इसके आसपास टीम की ओर से कहीं भी सर्वे होने की जानकारी सामने नहीं आई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार संभव है कि यह सर्वे नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों और इस रूट के अन्य मार्गों पर पहले किया जाए।नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने LT को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट में 87.56 किलोमीटर बनाने का ठेका दिया है । दोनों शहरों के बीच करीब 508 किलोमीटर की दूरी है जिसे बुलेट ट्रेन रिकार्ड वक्त में पूरा कर सकती है.