प्रदीप कुमार शर्मा,एडिटर इन चीफ
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से लौटे यूपी प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल से जाने बिहार राजनीति के हालात
- नीतीश कुमार के विश्वास पात्र हैं यूपी प्रदेश अध्यक्ष
यूपी प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल ने स्वदेश केसरी को बताया-जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को पार्टी ने कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई। सबसे बड़ा फैसला पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लिया, जिन्होंने अपने कार्यकाल के करीब एक साल से ज्यादा समय बचे होने के बावजूद अपना उत्तराधिकारी चुन लिया।नीतीश कुमार जी के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से आरपी सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया।आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान सौंपे जाने पर सीएम नीतीश का कहना है कि ‘आरसीपी सिंह को पार्टी की कमान बहुत सोच समझ कर सौंपी है क्योंकि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पार्टी का सारा काम सही से नहीं देख पा रहा था। पार्टी को भी देखना है और राज्य को भी। लिहाजा संगठन के विस्तार का काम आरसीपी बाबू को सौंपा है। अब वो इस काम को सही तरीके से देखेंगे।अनूप सिंह पटेल ने बताया कि श्री सिंह कर्मठ और ईमानदार नेता है |उनकी ताजपोशी से उत्तर प्रदेश में जदयू की शक्ति और बढ़ेगी|
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही आरसीपी सिंह ने इशारों में बीजेपी को संदेश देते हुए रविवार को कहा था कि हम जिसके साथ रहते हैं, पूरी ईमानदारी के साथ रहते हैं। बिहार चुनाव में सहयोगी का वोट जेडीयू में ट्रांसफर नहीं हुआ, लेकिन हमारा वोट उनमें ट्रांसफर हुआ। इसलिए उनकी सीट बढ़ गईं। अरुणाचल की घटना को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा कि हम अपने सहयोगियों के खिलाफ साजिश नहीं रचते हैं और ना ही किसी को धोखा देते हैं। लेकिन हमारे इस संस्कार को कोई कमजोरी न समझें, हमारे संस्कार बहुत मजबूत हैं। कोई हिला नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि हम पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे और अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएंगे।
प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल स्वदेश केसरी के इस सवाल-बिहार में सत्ताधारी जेडीयू-बीजेपी गठबंधन में क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है?स्वदेश केसरी के सवाल को यह कह कर टाल दिया कि हमारा केंद्रीय नेतृत्व सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है और हम अपने गठबंधन धर्म को निभा रहे है। ये सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि जेडीयू ने कई अहम मुद्दों को लेकर बीजेपी के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं।
लव जिहाद पर आपकी पार्टी का स्टैंड क्या है– लव जिहाद के सवाल पर पार्टी के स्टैंड पर उन्होंने कहा कि हमारे नेता नेता केसी त्यागी ने कहा है कि लव-जिहाद को लेकर देश में घृणा का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। लव जिहाद के खिलाफ कानून को लेकर बीजेपी नेताओं की ओर से किए जा रहे समर्थन पर भी जेडीयू नेता ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति और धर्म के दो वयस्क अपने रिश्ते बनाने को लेकर स्वतंत्र हैं। लव-जिहाद पर कानून बनाने की बात स्वतंत्र लोकतंत्र व्यवस्था के खिलाफ है। जिस प्रदेश में भी लव-जिहाद को लेकर कानून बने हैं, उसे जेडीयू अच्छा नहीं मानती है। उन्होंने साफ कर दिया है, खास तौर से लव जिहाद के मुद्दे पर जिस तरह से बीजेपी शासित राज्यों में कानून बनाने की कवायद शुरू हुई है उस पर जनता दल यूनाइटेड ने निशाना साधा है।
डबल इंजन की सरकार बनने के महज 50 दिन के भीतर ही सुर, ताल व गति बदल गई है। बिहार से लेकर दिल्ली के सियासी गलियारे तक अटकलें लग रही हैं कि बिहार में सब कुछ ठीक है क्या ? यक्ष सवाल- अब आगे का क्या। क्या नीतीश ‘एक्शन रिप्ले’ के मोड में हैं। वहां ऐसी नौबत क्यों आई?बिहार में सबसे बड़े दल के रूप में रहने वाली जदयू आज तीसरे नंबर पर है। जदयू के नेता भी मानते हैं कि जदयू संगठन के दूसरे राज्यों में विस्तार और बिहार में मजबूती देने के कारण संगठनकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना चुके सिंह को पार्टी का नेतृत्व संभालने का मौका दिया गया है।जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी बिहार की तर्ज पर अन्य राज्यों में पार्टी के संगठन के विस्तार और उसे प्रभावी बनाने के प्रस्ताव को पारित कर जदयू ने यह संकेत दे दिया है कि पार्टी अब केवल बिहार में ही मजबूत नहीं रहना चाहती। प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल ने संकेत दे दिया कि आरसीपी सिंह जदयू से लंबे अरसे से जुडे हैं और संगठन में प्रभावकारी भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और संवाद कौशल जदयु के सांगठनिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।उल्लेखनीय है कि जदयू का अध्यक्ष जॉर्ज फर्णाडीस रहे हों या शरद यादव, पार्टी का चेहरा नीतीश कुमार ही रहे हैं। पार्टी के नेता भी कहते हैं कि नीतीश कुमार पार्टी को नई उंचाइयों पर ले गए हैं।वैसे, देखा जाए तो सिंह को प्रारंभ से ही नीतीश कुमार का उतराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था। सिंह, कुर्मी जाति से आते हैं और नीतीश कुमार के सबसे विश्वासी पात्रों में से एक हैं।सिंह के लिए अपने गठबंधनों के घटकदलों से सामंजस्य बैठाए रखना भी एक चुनौती माना जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने हालांकि यह भी कहा कि सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा और जदयू का संबंध और गठबंधन और मजबूत होगा।बहरहाल, सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बधाई देने वालों का सिलसिला जारी है, लेकिन देखने वाली बात होगी कि वे अध्यक्ष बनने के बाद आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटते हैं।